मुंबई में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, ट्रैफिक, फ्लाइट्स और लोकल ट्रेन सेवाएं प्रभावित

मुंबई में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, ट्रैफिक, फ्लाइट्स और लोकल ट्रेन सेवाएं प्रभावित

22 जुलाई 2024 · 11 टिप्पणि

मुंबई में भारी बारिश ने एक बार फिर से शहर की जीवन को ठप्प कर दिया है। पिछले 12 घंटों में औसतन 100 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिसकी वजह से पूरे शहर में जलभराव हो गया है। गुरुवार शाम 8 बजे तक, शहर ने करीब 101 मिमी बारिश दर्ज की थी, वहीं पूर्वी और पश्चिमी उपनगरों में क्रमशः 121 मिमी और 113 मिमी बारिश हुई।

इस भारी बारिश का सबसे अधिक प्रभाव लोकल ट्रेन सेवाओं पर पड़ा है। दादर और माटुंगा के बीच की लाइन पूरी तरह से बंद हो गई थी, हालांकि बारिश की तीव्रता कम होने पर यह फिर से चालू कर दी गई। इसके अलावा, हार्बर लाइन पर भी करीब 15 से 20 मिनट की देरी दर्ज की गई, खासतौर पर कुर्ला, पनवेल और मानखुर्द स्टेशन पर फ्लडिंग के कारण।

शहर के प्रमुख इलाकों में जलभराव से यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हुई है। मध्य मुंबई, माटुंगा और वडाला इलाकों में लंबी ट्रैफिक जाम रिपोर्ट की गई है। महाराष्ट्र नगर सबवे, खार सबवे और अंधेरी सबवे पर पानी भर जाने के कारण ट्रैफिक डायवर्जन की व्यवस्था की गई है। सड़कों पर जगह-जगह पानी भर जाने से आवाजाही में बाधा आई है और इसका प्रभाव आम जनजीवन पर स्पष्ट दिखाई दे रहा है।

इस भारी बारिश का असर मुंबई के हवाई अड्डे पर भी महसूस किया गया। रविवार को 36 उड़ानें रद्द कर दी गईं और 15 उड़ानों का मार्ग बदलकर उन्हें इलाहाबाद भेजा गया। बारिश के चलते हवाई अड्डे पर भी कार्य प्रभावित हुआ है।

अधिकारीयों के अनुसार, मीठी नदी का जलस्तर भी 2.26 मीटर तक बढ़ गया है, जो कि 2.7 मीटर के बाढ़ चिह्न के करीब पहुंच गया है। यदि बारिश इसी प्रकार जारी रहती है, तो निकट भविष्य में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

हवा का पूर्वानुमान और एनडीआरएफ की तैयारी

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने महाराष्ट्र में 22 जुलाई से 24 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मुंबई सहित, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, ठाणे और सतारा घाटी के क्षेत्रों में अगले तीन घंटे में मध्यम बारिश का पूर्वानुमान है।

मानसून के मौसम के मद्देनजर, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने पहले से ही वैसई (पालघर), ठाणे, घाटकोपर, पवई (कुर्ला), महाड (रायगढ़), खेड़ और चिपलून (रत्नागिरी), कुडाल (सिंधुदुर्ग), कोल्हापुर, सांगली, और सतारा में टीमें तैनात कर दी हैं।

मौसम स्थिति का प्रभाव और तात्कालिक तैयारी

मौसम स्थिति का प्रभाव और तात्कालिक तैयारी

मुंबई में बारिश का असर दीर्घकालिक होने की संभावना है। विशेषकर जलभराव के कारण हो रही समस्याएं बढ़ सकती हैं। नगर निगम ने जलभराव वाले क्षेत्रों में त्वरित निस्तारण के लिए विशेष टीमों की तैनाती की है। मकानों में जलभराव से बचने के लिए लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

सड़कों की स्थिति और यातायात

विभिन्न सड़कों पर जलभराव की स्थिति होने के कारण यातायात डायवर्जन और यातायात नियंत्रण की आवश्यकता हो सकती है। पुलिस और यातायात विभाग के कर्मचारी लगातार सड़कों पर तैनात रहकर स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।

जमीनी स्तर पर जनता का क्या हो रहा अनुभव

मुंबईकरों के लिए इस तरह की बारिश आम बात नहीं है। स्कूल और कॉलेज के छात्र, कार्यालय जाने वाले लोग, दुकानदार और अन्य कामकारों के लिए ये दौर अत्यधिक कठिनाई से भरपूर है। उनके लिए घर से बाहर निकलना भी जोखिम से खाली नहीं है।

सरकारी तंत्र और योजनाएं

राज्य सरकार और स्थानीय निकाय लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। अधिकारियों ने नागरिकों को सतर्क रहने और सरकारी सलाह का पालन करने का आह्वान किया है। त्वरित चिकित्सा सेवा और आपदा प्रबंधन टीमों को भी स्टैंडबाय पर रखा गया है।

इस प्रकार, मुंबई की बारिश शहर में जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है। आगामी दिनों में और भी बारिश की संभावना को देखते हुए सबसे जरूरी है कि नागरिक सतर्क रहें और किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाइयों के लिए तैयार रहें।

Ankit Sharma
Ankit Sharma

मैं नवदैनिक समाचार पत्र में पत्रकार हूं और मुख्यतः भारत के दैनिक समाचारों पर लेख लिखता हूं। मेरा लेखन सुचिता और प्रामाणिकता के लिए जाना जाता है।

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11 टिप्पणि
  • Ravi Kumar
    Ravi Kumar
    जुलाई 23, 2024 AT 03:45

    ये बारिश तो हर साल होती है और हर साल हम वही गलतियाँ दोहराते हैं। नहरें बंद हैं, ड्रेनेज नहीं है, और फिर सरकार का जायजा लेना शुरू हो जाता है। असली समस्या ये नहीं कि बारिश हो रही है, बल्कि ये है कि हमने कभी सीखने की कोशिश ही नहीं की।

  • pritish jain
    pritish jain
    जुलाई 24, 2024 AT 10:03

    मुंबई के जलनिकास प्रणाली का डिज़ाइन 19वीं सदी का है, जबकि आबादी 21वीं सदी की है। यह एक तकनीकी असमानता है, जिसे आर्थिक निर्णयों के बजाय नागरिक अधिकारों के रूप में देखा जाना चाहिए। जलभराव केवल एक बारिश का परिणाम नहीं, बल्कि एक अनुपालन की असफलता है।

  • Gowtham Smith
    Gowtham Smith
    जुलाई 24, 2024 AT 10:24

    अरे भाई, ये सब तो बेकार की बातें हैं। जब तक हम अपने देश की आत्मनिर्भरता पर ध्यान नहीं देंगे, तब तक ये बारिश का दुख बना रहेगा। अमेरिका या चीन के पास ये तकनीक है, हमारे पास क्या है? बस भाषा और बहस! निर्माण करो, जमीन बनाओ, फिर बारिश आए तो क्या होगा?

  • rashmi kothalikar
    rashmi kothalikar
    जुलाई 24, 2024 AT 20:50

    अगर ये सब एक छोटे शहर में होता तो लोग बस घर में बैठे रहते, लेकिन मुंबई में तो हर कोई अपनी नौकरी के लिए जीता है। ये बारिश नहीं, ये नागरिक अधिकारों का अपमान है। जो लोग घरों में बैठकर बारिश की तारीफ करते हैं, उन्हें देखकर दिल टूट जाता है।

  • vinoba prinson
    vinoba prinson
    जुलाई 25, 2024 AT 23:03

    एक अनुमान है कि बारिश के दौरान मुंबई के लोकल ट्रेनों का उपयोग 80% तक कम हो जाता है, जिससे ट्रैफिक का बोझ बढ़ जाता है। यह एक सामाजिक अनुकूलन की घटना है, जिसे शहरी योजनाकारों ने लंबे समय तक नजरअंदाज किया है। लोकल ट्रेनों की विश्वसनीयता शहर की नाड़ी है।

  • Shivateja Telukuntla
    Shivateja Telukuntla
    जुलाई 26, 2024 AT 22:21

    मैं आज सुबह वडाला से घर आया था, एक दरवाजे के पास बच्चा बहुत डर गया था। उसकी माँ ने उसे गले लगाया और बस चल पड़ी। कोई बोला नहीं, कोई रोया नहीं। बस जीने का फैसला किया। ये ही मुंबई की असली ताकत है।

  • Shailendra Thakur
    Shailendra Thakur
    जुलाई 27, 2024 AT 08:55

    मैंने देखा है कि जब बारिश होती है, तो लोग एक दूसरे की मदद करने लगते हैं। एक आदमी दूसरे को बचाता है, कोई बाइक पर लोगों को घर तक छोड़ देता है। ये शहर तब असली बनता है, जब बारिश आती है।

  • Muneendra Sharma
    Muneendra Sharma
    जुलाई 29, 2024 AT 06:43

    मैंने एक दिन देखा था कि एक बूढ़ी महिला ने अपना बर्तन लेकर बारिश में खड़े होकर बरसात का आनंद लिया। उन्होंने कहा, 'ये बारिश हमारे पूर्वजों की याद दिलाती है।' शायद हम बारिश को एक बाधा नहीं, बल्कि एक याद बना लें।

  • Anand Itagi
    Anand Itagi
    जुलाई 31, 2024 AT 06:43

    कुर्ला में जलभराव तो बहुत बुरा है पर लोग अभी भी लोकल ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं। मैंने एक लड़की को देखा जो बिना छत्र और बिना बैग के ट्रेन के लिए भाग रही थी। उसकी आँखों में डर था लेकिन उसके पैर नहीं रुके। ये ही असली जिंदगी है

  • Sumeet M.
    Sumeet M.
    अगस्त 1, 2024 AT 06:37

    ये बारिश तो बस एक बहाना है! सरकार ने कभी ड्रेनेज का निर्माण नहीं किया, नहीं तो ये सब क्यों होता? और अब NDRF की टीमें भेज रहे हैं? ये तो बस एक नाटक है! जब तक नेताओं के घरों के आसपास नहीं बहता पानी, तब तक कोई कुछ नहीं करेगा!

  • Kisna Patil
    Kisna Patil
    अगस्त 1, 2024 AT 17:42

    बारिश तो आएगी ही। अब सवाल ये है कि हम इसे कैसे स्वीकार करते हैं। ये शहर अपनी जड़ों से जुड़ा हुआ है। जब आकाश रोता है, तो जमीन भी रोती है। लेकिन जो लोग अपने घरों में बैठे हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि जो बाहर हैं, वे भी इंसान हैं।

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