प्रधानमंत्री मोदी का दिवाली के अवसर पर खास कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सशस्त्र बलों के साथ दिवाली मनाने का यह वार्षिक आयोजन कई मायनों में अहम है। गुरुवार को, उन्होंने गुजरात के कच्छ में स्थित भारत-पाक सीमा के पास बीएसएफ, सेना, नौसेना और वायुसेना के जवानों के साथ विशेष समय बिताया। यह उत्सव प्रधानमंत्री की हमारे जवानों के प्रति कृतज्ञता और राष्ट्र सुरक्षा के प्रति उनके संकल्प का प्रतीक है। प्रधानमंत्री के इस कदम से जवानों के मनोबल में वृद्धि होती है और वे यह महसूस करते हैं कि देश उनके सर्वोच्च बलिदानों और सेवा को महत्व देता है।
दिवाली हर्ष और उल्लास का पर्व
दिवाली, जो कि रोशनी का पर्व है, भारत में अपार उल्लास और समर्पण के साथ मनाया जाता है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी का आस-पास के जवानों के साथ रहना यह दर्शाता है कि दिवाली केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति का एक अहम हिस्सा है, जिससे हम अपने जांबाज जवानों के बीच जाकर उनकी खुशियों में शामिल हो सकते हैं। इस दिन, प्रधानमंत्री ने अपने आमंत्रण से जवानों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी।
सशस्त्र बलों की सुरक्षा में भूमिका
सशस्त्र बलों की भूमिका देश की सुरक्षा में अनिवार्य है। सीमाओं की रक्षा और देश की संप्रभुता की संरक्षण के लिए इन बलों का योगदान बेमिसाल है। ऐसे में प्रधानमंत्री का इस दिवाली के मौके पर उनके साथ वक्त बिताना, न केवल एक औपचारिकता है, बल्कि यह सशस्त्र बलों की भूमिका और उनके महत्व को समझने की कोशिश है। देश में हर नागरिक को यह समझना आवश्यक है कि उनके स्वतंत्र और सुरक्षित जीवन के पीछे इन जवानों का ही हाथ है।
त्याग और साहस की प्रशंसा
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर जवानों की साहस और उनके त्याग की विशेष रूप से सराहना की। उन्होंने कहा कि उनके बलिदान और सेवाओं के कारण ही हम सुरक्षित रूप से अपना जीवन जी पाने में सक्षम हैं। प्रधान मंत्री की यह प्रशंसा बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह जवानों को उनके कार्य की महत्ता और इसकी आवश्यकता की याद दिलाती है।
सैनिकों के साथ जुड़ाव
प्रधानमंत्री का यह कदम जवानों के साथ राष्ट्र के जुड़ाव को प्रकट करता है। न केवल वह जवानों के साथ दिवाली मनाते हैं, बल्कि उनसे बातचीत भी करते हैं, उनका हाल-चाल पूंछते हैं और उनके मुद्दों को समझते हैं। इससे जवानों को यह महसूस होता है कि देश के प्रथम नागरिक उनके साथ हैं और उनका समर्थन कर रहे हैं।
दिवाली का यह आयोजन मोदी के नेतृत्व में भारत के सशस्त्र बलों के प्रति समर्थन और कृतज्ञता का अभिव्यक्ति है, जो हर बार जवानों में नई ऊर्जा और उम्मीद जगाने का काम करता है। यह केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह देश के प्रति हमारी जिम्मेदारी और समर्थन का प्रतीक है।
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